Hindi shayari
ख्वाब देखा था जिंदगी हर वक्त खुशियों में गुजरेगी मगर मुकद्दर ने ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा किया सिर्फ अपनों के प्यार की आस लिए जिए जा रहा हूं
उसके झूठे वादों ने हजारों ख्वाब दिखा दिए जबसे हकीकत मालूम हुआ है मैं हैरान हूं तकलीफ हद से ज्यादा हो रही है क्यों वक्त रहते चालबाजी समझ नहीं पाया हूं
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